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Dr. Vaidya Mahesh Akhani

Vamsha Vaidhya Award Winner

Category: Vamshodaya

The Journey of Amrut Ayurveda Kendra

History

एतत् देश् प्रसृतस्य सकाशात् अग्र जन्मन्ः।

स्वं स्वं चरित्रं शिक्षरेन् पृथिव्यां सर्व मानवाः॥ (मनुस्मृति)

In the association of Brahmin and Vidvana, which originated in this Brahmavarta country, all human beings living on earth should learn about their conduct and duties.

We started as a small clinic in the early 1985’s founded by Vaidya Mahesh A Akhani. Now it has become a full-fledged Ayurvedic Panchakarma Hospital.

We have been publishing regularly an Ayurveda column in Rakheval Daily, and occasionally in Sandesh, Gujarat Samachar and Sadhana Saptahik from March 1985 till date. In addition, for the last three decades, Amrut Ayurveda Kendra has been conducting various programs of Ayurveda in schools, colleges, panchayat houses, and in front of the rural masses from time to time to create awareness about Ayurveda, identifying herbs and diagnosing diseases through Ayurveda.

In particular, the work of teaching Ayurveda to the students of B. R. College, Lokaniketan for four consecutive years, without any expectation of any kind, is done by Vaidya Mahesh Akhani.

दक्षस्तीर्थात्तशास्त्रार्थो द्रष्टकर्मा शुचिर्भिषक्| (Ah.Su.–1)

बहुगुणं बहुकल्पं सम्पन्नं योग्यम् औषधम्।(Ah.Su.–1)

With this principle, Amrut Ayurveda Kendra was started with the tradition of definite diagnosis and best results through multi-quality herbs. This could happen because of two-three years of study under the guidance of Guruvaryas like Vaidya C P Shukla, Vaidya Prajaram Raval and Vaidya Shobhan Vasani.

Since April 1985, Amrut Ayurveda Kendra has started all the procedures of Panchakarma, such as Vamana Karma, Virechan Karma, Anuvasan Basti, Niruh Basti, Raktamokshan, Nasya, Tarpan, Shirodhara, Shastishali Pind Sweed, etc. and today it has become a full-fledged Panchakarma hospital.

किसीभी संस्थाकी शुभ शुरुआत उत्तम ध्येय, विचार, कुछ करनेकी धगश और दैवी प्रेरणा से ही शक्य होता है| सन १९७९ में जब आयुर्वेद महाविद्यालयमें प्रवेश लिया उसके एक साल पूर्व एक अकिंचन ब्राहमण के शब्द थे, “माँ, तेरा बेटा महेश महान वैद्य होगा|” 

 ऐसे अनायास आये हुए शब्द और आयुर्वेद अभ्यास के समय मिले हुए मित्रमुकुल, विद्युत, आरती, जयश्री और पी.एस.एन भट्टसर, सी.पी.शुक्लसर, शोभनसर जैसे महामना गुरुओंके सतत मार्गदर्शन और बड़े ध्येयके साथ द्रढतासे आगे बढ़नेकी प्रेरणा जिससे मिली है वह पूज्य पांडुरंग शास्त्रीजी|

यह समन्वयसे सन अप्रैल १९८५ में अमृत आयुर्वेद केंद्र की शुरुआत हुई| जैसे हम व्यवहारमें कहते है, कड़ी भूख से ही भोजन टेस्टी लगता है| वैसे ही जीवनमें मुश्किलें आती है तब ही खुदको और भावि बच्चोंकों फल मीठा लगता है|

शुरुके दिन ही नहीं बल्कि महीनों तक सप्ताहमें केवल दो ही मरीज आते थे, जगाका किराया और सहायक परिचारकका पगार का खर्च निकालना मुश्किल था तब बिना सहायक करीबन छः साल तक गुजारना पडा| घर और क्लिनिक के बिच तिन से ज्यादा की.मी का अंतर होते हुए भी दिनमे चार दफा आनाजाना पैदल होता  था क्योंकि ओटोरिक्षाका एक रुपया मेरी कमाई नहीं थी, ऐसे समजे की दन्त और खुराक बिच शत्रुता थी| होटल में खाना खाना, कहीं घुमने जानेका तो सोच ही नहीं सकते, फिर भी हमारी आयुर्वेद प्रति निष्ठा तो विचलित हुई, और तो कभी भी आंगल ALOPATHY औषधियां का हमने उपयोग किया, इतनाही नहीं हमने हमारे तीनो बच्चोको वेक्सिन भी नहीं दी

श्रीमद्भगवतगीता के नवमे अध्यायमें कहा है, “जो मेरा भक्त अनन्य भावसे मेरा चिंतन करता है उसके  योगक्षेमकी जिम्मेवारी मेरी है|” यह शब्द साकारित होने का हमने अनुभव लिया है| हमारा जीवन मंत्र केवल आयुर्वेद और पूज्य पांडुरंगजीके स्वाध्याय प्रवृति का चिंतन, मनन और कृति ही है|

गाँवगाँव, सभी स्कूल, कोलेज, पंचायत घर जाना और लोगोंके सामने वनस्पति प्रदर्शन रखना और स्वास्थ्य के बारें मे अवगत कराना यह कार्य हमने सालों तक किया है

परिश्रम, प्रतीक्षा, प्रभुके प्रति अटूट श्रध्धा के बाद श्रेष्ठ परिणाम 

आज नोर्थ गुजरातमें राजस्थान जानेके नॅशनल हाइवेके स्थान पर पालनपुर शहरके पोस विस्तारमें ग्राउंड फ्लोर और तिन मजले की आयुर्वेद अस्पतालआयुर्वेद संकुल प्रभु कृपासे स्थिर हुआ है

वंध्यत्व, गर्भसंस्कार, कुष्ठ व्याधि, केंसर, ह्रदय के दर्द में यहाँ बहुत अच्छा कार्य हुआ है|   

Details of Ancestors

Generations of Vaidhyas

5 years of practice
Deesa

Vaidya Aparna Akhani


Specialities

Anorecal Surgeon

5 years of practice
Mumbai

Vaidya Shivakari Akhani


Specialities

Garbha Samskar

 

2 Years of Practice
Palanpur

Vaidya Parashar Akhani
38 years of Practice
Palanpur

Vaidhya mahesh Akhani

The Vision statement of Institution

Vision

  • Amrut Ayurveda Kendra and Panchakarma Hospital, take pride in practicing Ayurveda with the ancient science of life in all its purity and sanctity.
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